शेयर बाजार में निवेश करने वाले हर व्यक्ति के मन में यह सवाल ज़रूर आता है कि एक शेयर बेचने पर कितना शुल्क लगता है? दरअसल, जब भी आप शेयर खरीदते या बेचते हैं, तो यह प्रक्रिया सिर्फ़ शेयर की कीमत तक सीमित नहीं होती। इसके साथ कुछ अतिरिक्त शुल्क और टैक्स भी जुड़ते हैं, जिन्हें जानना बहुत ज़रूरी है। अगर आप पहली बार शेयर बाजार में कदम रख रहे हैं, तो यह समझना आपके लिए और भी महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि इन शुल्कों को नज़रअंदाज़ करने से आपके मुनाफे पर सीधा असर पड़ सकता है।
आमतौर पर, एक शेयर बेचते समय आपको कई तरह के चार्जेज़ चुकाने पड़ते हैं। इनमें ब्रोकरेज शुल्क, STT (Securities Transaction Tax), एक्सचेंज ट्रांजेक्शन चार्ज, GST, SEBI चार्ज और कभी-कभी स्टैम्प ड्यूटी शामिल होते हैं। हर ब्रोकरेज कंपनी का शुल्क अलग-अलग हो सकता है—कुछ फिक्स्ड ब्रोकरेज लेते हैं, तो कुछ ट्रांजेक्शन वैल्यू के हिसाब से चार्ज करते हैं।
इसलिए, जब भी आप शेयर बेचने की सोचें, तो केवल शेयर की कीमत ही न देखें, बल्कि यह भी ध्यान रखें कि उस पर लगने वाले शुल्क और टैक्स आपके असली मुनाफे को कितना कम कर सकते हैं। सही जानकारी के साथ आप बेहतर निवेश निर्णय ले सकते हैं।
एक शेयर बेचने पर कितना शुल्क लगता है?
शेयर बाजार में निवेश करना आज के समय में काफी लोकप्रिय हो चुका है। मोबाइल ऐप्स और ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म ने निवेश को बेहद आसान बना दिया है। लेकिन जब कोई नया निवेशक पहली बार शेयर खरीदता या बेचता है, तो उसके मन में सबसे बड़ा सवाल यही आता है कि “शेयर बेचने पर कितना शुल्क देना पड़ता है?”
यह सवाल बिल्कुल स्वाभाविक है, क्योंकि ट्रेडिंग केवल शेयर खरीदने या बेचने का नाम नहीं है, बल्कि इसके साथ जुड़े हुए कई शुल्क और टैक्स भी होते हैं। अगर आप इन शुल्कों के बारे में पहले से जानते हैं तो आपको अपने मुनाफे और खर्च का सही अंदाज़ा रहेगा।
इस ब्लॉग में हम विस्तार से समझेंगे कि एक शेयर बेचने पर कौन-कौन से शुल्क लगते हैं, उनकी दरें क्या हैं, और कुल मिलाकर आपको किस तरह की लागत उठानी पड़ सकती है।
1. शेयर बेचने पर लगने वाले मुख्य शुल्क
जब आप किसी शेयर को बेचते हैं, तो आपको कई तरह के शुल्क और टैक्स देने पड़ते हैं। यह शुल्क विभिन्न संस्थाओं जैसे कि ब्रोकरेज फर्म, स्टॉक एक्सचेंज, सरकार और सेबी (SEBI) द्वारा निर्धारित होते हैं। आइए एक-एक करके इन्हें समझते हैं।
(a) ब्रोकरेज शुल्क (Brokerage Fees)
जब भी आप किसी शेयर को खरीदते या बेचते हैं, तो आपका ब्रोकरेज हाउस (जैसे Zerodha, Groww, Upstox, ICICI Direct आदि) एक निश्चित कमीशन लेता है।
आजकल अधिकांश डिस्काउंट ब्रोकर प्रति ऑर्डर ₹20 या उससे कम चार्ज करते हैं, चाहे आप कितने भी शेयर बेचें।
वहीं, फुल-सर्विस ब्रोकर (जैसे ICICI Direct, HDFC Securities) आपके लेन-देन मूल्य (Transaction Value) का एक प्रतिशत चार्ज करते हैं।
उदाहरण:
मान लीजिए आपने ₹1,00,000 के शेयर बेचे।
अगर आपका ब्रोकर 0.30% ब्रोकरेज लेता है, तो शुल्क = ₹300 होगा।
लेकिन अगर आप डिस्काउंट ब्रोकर का उपयोग करते हैं, तो केवल ₹20 देना पड़ेगा।
(b) सिक्योरिटीज़ ट्रांज़ैक्शन टैक्स (STT)
यह टैक्स सरकार द्वारा लगाया जाता है।
जब आप शेयर बेचते हैं, तो आपको लेन-देन मूल्य पर 0.1% STT देना पड़ता है।
इसे सीधे आपके ब्रोकर के माध्यम से काट लिया जाता है।
उदाहरण:
अगर आपने ₹50,000 के शेयर बेचे, तो STT = ₹50 (0.1%) लगेगा।
(c) एक्सचेंज ट्रांज़ैक्शन चार्ज (Exchange Transaction Charges)
यह शुल्क स्टॉक एक्सचेंज (NSE या BSE) लेता है।
आमतौर पर यह 0.00345% होता है।
यह बहुत ही छोटा शुल्क होता है लेकिन हर ट्रेड में लागू होता है।
उदाहरण:
₹1,00,000 के शेयर बेचने पर यह शुल्क = ₹3.45 ही होगा।
(d) SEBI टर्नओवर शुल्क
सेबी (SEBI) भी हर लेन-देन पर बहुत ही छोटा शुल्क लेती है।
यह शुल्क 0.0001% होता है।
यानी ₹10,00,000 के लेन-देन पर केवल ₹1 देना होगा।
(e) जीएसटी (GST)
ब्रोकरेज और ट्रांज़ैक्शन चार्ज पर 18% जीएसटी लगता है।
ध्यान रहे कि जीएसटी केवल ब्रोकरेज और एक्सचेंज चार्ज पर ही लगता है, STT पर नहीं।
(f) स्टाम्प ड्यूटी (Stamp Duty)
जब आप शेयर खरीदते हैं, तब स्टाम्प ड्यूटी लगती है।
शेयर बेचने पर यह शुल्क नहीं लगता।
2. कुल शुल्क की गणना – एक उदाहरण
अब मान लीजिए आपने ₹1,00,000 के शेयर बेचे।
आइए देखें कि इस पर आपको कितना शुल्क देना पड़ेगा (डिस्काउंट ब्रोकर के हिसाब से):
ब्रोकरेज शुल्क = ₹20
STT (0.1%) = ₹100
एक्सचेंज चार्ज (0.00345%) = ₹3.45
SEBI शुल्क (0.0001%) = ₹0.10
GST (18% of ब्रोकरेज + एक्सचेंज चार्ज) = लगभग ₹4.20
कुल शुल्क = ₹127.75 (लगभग ₹128)
यानि ₹1,00,000 के शेयर बेचने पर आपको लगभग ₹128 शुल्क देना होगा।
अगर आप फुल-सर्विस ब्रोकर का इस्तेमाल करेंगे तो यह शुल्क आसानी से ₹500–₹1000 तक पहुंच सकता है।
3. इंट्राडे बनाम डिलीवरी में शुल्क का अंतर
शेयर बेचने पर लगने वाले शुल्क इंट्राडे (Intraday Trading) और डिलीवरी ट्रेडिंग (Delivery Trading) दोनों में थोड़ा अलग होते हैं।
डिलीवरी ट्रेडिंग:
आप शेयर खरीदकर कुछ दिन/साल बाद बेचते हैं।
STT केवल बेचने पर लगता है (0.1%)।
इंट्राडे ट्रेडिंग:
आप एक ही दिन में खरीदते और बेचते हैं।
STT दोनों तरफ लगता है लेकिन दर थोड़ी कम होती है (0.025%)।
इसलिए, अगर आप इंट्राडे में ज्यादा बार ट्रेडिंग करते हैं तो कुल शुल्क ज्यादा हो सकता है।
4. शेयर बेचते समय इन बातों पर ध्यान दें
ब्रोकर का चुनाव समझदारी से करें:
अगर आप ज्यादा ट्रेडिंग करते हैं तो डिस्काउंट ब्रोकर चुनें।
लंबी अवधि के निवेशक फुल-सर्विस ब्रोकर भी चुन सकते हैं, क्योंकि वे रिसर्च और सलाह भी देते हैं।
छोटे शुल्क को नजरअंदाज न करें:
कई बार लोग सोचते हैं कि ₹2–₹5 का शुल्क कोई मायने नहीं रखता।
लेकिन अगर आप रोज़ ट्रेडिंग करते हैं तो सालभर में यह रकम हजारों तक पहुंच सकती है।
STT को ध्यान में रखें:
कई बार मुनाफा कम दिखता है क्योंकि STT सीधे आपके प्रॉफिट को कम करता है।
GST और अन्य टैक्स की गणना करें:
ट्रेडिंग के बाद इन सभी टैक्स और शुल्क को जोड़कर ही अपने शुद्ध मुनाफे (Net Profit) की गणना करें।
5. क्या शुल्क से बचा जा सकता है?
पूरी तरह से नहीं। क्योंकि ये शुल्क सरकार और एक्सचेंज द्वारा तय किए जाते हैं।
लेकिन आप कुछ हद तक इन्हें कम कर सकते हैं:
डिस्काउंट ब्रोकर का उपयोग करें।
इंट्राडे ट्रेडिंग में केवल ज़रूरी ट्रेड करें।
लंबे समय तक निवेश रखें ताकि बार-बार खरीद-बिक्री से ज्यादा शुल्क न लगे।
6. शुरुआती निवेशकों के लिए सुझाव
शेयर बेचने से पहले हमेशा यह सोचें कि शुल्क कटने के बाद भी आपको मुनाफा होगा या नहीं।
अगर मुनाफा बहुत ही छोटा है, तो कई बार शुल्क आपकी कमाई खा जाता है।
उदाहरण के लिए, ₹500 का मुनाफा हुआ लेकिन ₹128 शुल्क कट गया, तो नेट प्रॉफिट केवल ₹372 ही रहेगा।
7. निष्कर्ष
शेयर बाजार में सफल निवेशक वही होता है जो अपने खर्चों और शुल्क पर ध्यान देता है।
“एक शेयर बेचने पर कितना शुल्क लगता है?” – इसका जवाब सीधा है:
आपको ब्रोकरेज, STT, एक्सचेंज चार्ज, SEBI शुल्क और GST देना पड़ता है।
कुल मिलाकर, अगर आप ₹1,00,000 के शेयर बेचते हैं तो लगभग ₹120–₹150 शुल्क लगेगा (डिस्काउंट ब्रोकर पर)।
वहीं, फुल-सर्विस ब्रोकर में यह शुल्क कहीं ज्यादा हो सकता है।
इसलिए, हर निवेशक को चाहिए कि वह अपने लेन-देन का हिसाब रखें और समझदारी से ब्रोकर का चुनाव करे।
छोटे-छोटे शुल्कों को नजरअंदाज न करें क्योंकि लंबे समय में यही आपके मुनाफे को काफी हद तक प्रभावित कर सकते हैं।
शेयर मार्केट में निवेश करना जितना रोमांचक होता है, उतना ही जरूरी है उससे जुड़े खर्चों को समझना। जब भी आप कोई शेयर बेचते हैं, तो केवल मुनाफे या नुकसान पर ही ध्यान नहीं देना चाहिए, बल्कि उस प्रक्रिया में लगने वाले शुल्कों पर भी नजर रखनी चाहिए। ब्रोकरेज चार्ज, स्टैम्प ड्यूटी, ट्रांजैक्शन चार्ज, डीमैट चार्ज और टैक्स जैसे कई छोटे–छोटे खर्चे मिलकर आपके कुल रिटर्न को प्रभावित कर सकते हैं। अक्सर निवेशक इन शुल्कों को नजरअंदाज कर देते हैं और बाद में महसूस करते हैं कि उनके प्रॉफिट मार्जिन पर इसका असर पड़ा है।
इसलिए, सही ब्रोकरेज प्लेटफॉर्म चुनना और उसके शुल्क स्ट्रक्चर को ध्यान से समझना बेहद जरूरी है। आज के समय में कई डिस्काउंट ब्रोकर और ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स मौजूद हैं जो बहुत कम चार्ज लेकर बेहतर सुविधाएं देते हैं। यदि आप लंबे समय के लिए निवेश कर रहे हैं, तो इन शुल्कों का असर सीमित हो सकता है, लेकिन लगातार ट्रेडिंग करने वालों के लिए यह फर्क काफी बड़ा साबित हो सकता है।
आखिरकार, समझदारी इसी में है कि आप निवेश के साथ–साथ ट्रांजैक्शन कॉस्ट पर भी ध्यान दें। सही जानकारी और रणनीति अपनाकर आप न सिर्फ जोखिम घटा सकते हैं बल्कि अपने मुनाफे को भी बढ़ा सकते हैं। यही एक सफल निवेशक की पहचान है।
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10 प्रश्न और उत्तर
प्रश्न 1. एक शेयर बेचने पर निवेशक को कौन–कौन से शुल्क चुकाने पड़ते हैं?
उत्तर: जब आप शेयर बेचते हैं, तो आपको ब्रोकरेज चार्ज, सिक्योरिटीज़ ट्रांज़ैक्शन टैक्स (STT), एक्सचेंज ट्रांज़ैक्शन चार्ज, SEBI शुल्क, और GST जैसे टैक्स चुकाने पड़ते हैं।
प्रश्न 2. ब्रोकरेज चार्ज क्या होता है?
उत्तर: ब्रोकरेज चार्ज वह शुल्क है जो आपका स्टॉकब्रोकर प्रत्येक ट्रेड (खरीद या बिक्री) पर लेता है। यह फ्लैट रेट (जैसे ₹20 प्रति ट्रेड) या प्रतिशत पर आधारित हो सकता है।
प्रश्न 3. STT (Securities Transaction Tax) शेयर बेचने पर कैसे लगता है?
उत्तर: शेयर बेचते समय STT, कुल सेल वैल्यू पर 0.1% की दर से लगाया जाता है। यानी अगर आपने ₹1,00,000 के शेयर बेचे तो STT ₹100 लगेगा।
प्रश्न 4. क्या GST भी शेयर बेचने पर लगता है?
उत्तर: हाँ, ब्रोकरेज और ट्रांज़ैक्शन चार्ज पर 18% GST लगाया जाता है। यह सीधा सेल वैल्यू पर नहीं बल्कि चार्जेज पर लगता है।
प्रश्न 5. SEBI शुल्क क्या है?
उत्तर: SEBI शुल्क, सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया द्वारा लिया जाने वाला छोटा सा चार्ज है। यह ₹10 लाख के टर्नओवर पर ₹10 के आसपास होता है।
प्रश्न 6. एक्सचेंज ट्रांज़ैक्शन चार्ज कितने होते हैं?
उत्तर: NSE या BSE एक्सचेंज पर यह चार्ज लगभग 0.00325% तक हो सकते हैं, जो आपके टर्नओवर पर आधारित है।
प्रश्न 7. क्या शेयर बेचने पर DP चार्ज भी लगता है?
उत्तर: हाँ, DP (Depository Participant) चार्ज कुछ ब्रोकर्स वसूलते हैं। यह आमतौर पर ₹10–₹25 प्रति ट्रांज़ैक्शन होता है।
प्रश्न 8. अगर मैं ₹50,000 के शेयर बेचूँ, तो लगभग कितना शुल्क लगेगा?
उत्तर: मान लीजिए ब्रोकरेज ₹20 है, STT ₹50 (0.1%), SEBI शुल्क ₹0.5, एक्सचेंज चार्ज ₹1.6 और GST ₹3.8 लगेगा। कुल मिलाकर लगभग ₹75–₹80 तक का शुल्क लगेगा।
प्रश्न 9. क्या अलग–अलग ब्रोकर्स का शुल्क अलग होता है?
उत्तर: हाँ, डिस्काउंट ब्रोकर्स (जैसे Zerodha, Groww) फ्लैट चार्ज लेते हैं, जबकि ट्रेडिशनल ब्रोकर्स (जैसे ICICI Direct, HDFC Securities) प्रतिशत के आधार पर ज़्यादा शुल्क लेते हैं।
प्रश्न 10. निवेशक कैसे पता कर सकता है कि उसके शेयर सेल पर कुल कितना शुल्क लगेगा?
उत्तर: हर ब्रोकरेज ऐप/प्लेटफ़ॉर्म पर "कैल्कुलेटर" या "कॉन्ट्रैक्ट नोट" उपलब्ध होता है, जिसमें सभी चार्ज और टैक्स डिटेल साफ़ दिखाए जाते हैं।